Date: 26 - 29 Jan 2013
वो एक ख़ाब सा है
जो देखा है।
वो खेतों में लहलहाती
इठलाती धानों सा है।
वो बर्फ़ भरे पहाड़ों में
चिड़ियाँ की ची ची की
गर्माहट सा है।
वो एक ख़ाब सा है
जो देखा है।
जो मिलो कहीं
जो मिलो कभी
एक तसवीर साथ लाना
देखूँ मेरा ख़ाब कैसा है
आजकल
वो एक ख़ाब सा है
जो मैंने देखा है।
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